Monday, 21 May 2012

तेरा होना ...

मंदिर,मस्जिद ,गिरजे सी पवित्र है
तेरी 'बोलियाँ '
तू नहीं जानता
मेरे लिए
आखिर क्या है
तेरे होने का मतलब

7 comments:

  1. शुक्रिया मीता ....:)

    ReplyDelete
  2. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |

    ReplyDelete
  3. शुक्रिया आप सभी का...

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete