हाँ..
कुछ तीता तो था
तेरा इश्क
जब याद आता है ना
तू और तेरा प्यार
मिर्च वाले समोसों के ऊपर
चाय पी जाती है
और आँखों में आये पानियों को
लेस लगे रुमालों से साफ़ कर
एक मुस्कुराहट चिपकाई जाती है
इन शब्दों के साथ
"आज मिर्च कुछ ज्यादा थी ना "
और मन को समझाई जातीं है
उसकी सीमायें ...
कुछ तीता तो था ...
ReplyDeleteइन शब्दों के साथ Rajluxmi ..laa-jawaab
आभार ....:)
DeleteWaah....
ReplyDeletezindagi aisi hi hai kabi meethi kabhi teekhi...sundar abhivyakti...
ReplyDeletemirch masaley aur aansoo..koi jaan bhi nahin paata ..be blessed rashmi
ReplyDeleteवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
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