सुना हुआ सा कुछ ....
Tuesday, 25 December 2012
वक़्त नही रुकता .....
समय !
तुम फिर गुजर जाओगे
अपने तमाम
लाव लश्कर समेट कर
तुम पर लगे
घाव खरोंच
भुला दिए जायेंगे
तुम छिपा लोगे ढीले कुर्ते
और लम्बी आस्तीनों पर
सारी बेतरतीबियां
ढेर सारे निशान
और
एक मुस्कान सजा कर
निकल पड़ोगे
ज़िन्दगी के साथ
कदम ताल करते
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